Akhilesh

the socialist politician

भाजपा ने मजदूरों के दर्द को इवेंट बना दिया-अखिलेश यादव — June 28, 2020

भाजपा ने मजदूरों के दर्द को इवेंट बना दिया-अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने अब तक मजदूरों के दर्द को इवेन्ट बनाने और विकास का काम तमाम करने का ही काम किया है। राजधानी में जो विश्वस्तरीय निर्माण होने थे उनमें भी बाधा डाली जा रही है। राजनीतिक बदले की भावना के तहत भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के कामों पर पर्दा डालने की साजिश करती आई है। भाजपा की राज्य सरकार का सत्ता में चैथा वर्ष चल रहा हैं, इस अवधि में वह जनहित की एक भी योजना सामने नहीं ला सकी है। जनता को केवल बहकाने का काम सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है।

गोण्डा, बस्ती, गोरखपुर, बहराइच, संतकबीरनगर, एवं जालौन के मजदूर बता रहे हैं कि उन्हें रोजगार नहीं मिला है। सरकार ने सिर्फ कागजों पर ही रोजगार दिया है। मजदूरों की मुसीबतों को भाजपा सरकार अपने राजनीतिक हित साधन में प्रयोग कर रही है। मनरेगा में जनता को नाम मात्र के अस्थायी रोजगार का दिलासा देने की जगह भाजपा बताये कि तथाकथित इन्वेस्टमेन्ट मीट्स और डिफेंस एक्सपो के बाद हुए कितने करार सच में बैंकों के सहयोग से जमीन पर उतरे हैं और उनसे कितनों को रोजगार मिला है?
जनता को समर्पित और समाजवादी सरकार द्वारा निर्मित विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस देश का अत्याधुनिक सेन्टर लखनऊ का जेपी सेन्टर भाजपा की कुदृष्टि का शिकार है। 812 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन बेजोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मुख्यमंत्री जी ने 130 करोड़ रूपए न देकर खण्डहर बना दिया है। भाजपा का काम राजनीतिक द्वेषवश समाजवादी सरकार के अच्छे कामों को बिगाड़ना है। क्योंकि वह खुद तो जनहित में कोई उल्लेखनीय योजना या स्तरीय भवन नहीं बना सकी है।
भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियां किसानों के लिए काल बन गई है। उत्तर प्रदेश भर में गेहूं खरीद के लटके बकाये से किसान बेहाल हैं, झांसी मण्डल में 89 करोड़ रूपये का बकाया है। मंहगे डीजल से बढ़ी परेशानी, बिगड़ा किसानी का बजट। घरेलू उपयोग की चीजों पर भी असर, परिवहन की मंहगाई मुसीबत बनेगी।
मक्का की फसल बर्बाद हो गयी। गन्ना का 17000 करोड़ बकाया का भुगतान नहीं मिला। फल-सब्जी खेतों में सड़ गयी। चार माह में आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से सैकड़ों किसानों की दुखद मौत पर भी भाजपा सरकार ने पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया।
जनता की बदहाली पर अर्थव्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर, नौजवानों में बढ़ती हताशा पर केन्द्र-राज्य की भाजपा सरकारें ध्यान देने के बजाय अव्यवहारिक और अवास्तविक अभियान चलाकर अपनी विफलता को छुपाना चाहती है। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी बस एक दूसरे की प्रशंसा कर के खुश हो रहे है। उनके अच्छे दिन चल रहे हैं जबकि जनता दुःखी, हताश एवं निराश है।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

कोरोना महामारी के समय किसानों पर आर्थिक संकट सबसे ज्यादा, सरकार मदद करे! — April 4, 2020

कोरोना महामारी के समय किसानों पर आर्थिक संकट सबसे ज्यादा, सरकार मदद करे!

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसानों की अतिरिक्त सहायता बेहद जरूरी है। स्मरण रहे प्रधानमंत्री जी द्वारा लोकसभा चुनाव के पूर्व रूपया 2000 हजार तीन माह तक देने की घोषणा की गई थी। अब तो कोरोना महामारी की आपदा के समय जब किसानों के सामने आर्थिक संकट है। इस विपत्ति में फंसे लोगों से सभी राजस्व वसूली रोकी जाए, बैंक ऋणों पर ब्याज माफ हो।

कोरोना संकट सरकारी और गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद अभी थम नहीं रहा है। इसके प्रति जनता को जागरूक करने के काम में मेडिकल कर्मी, मीडिया कर्मी, स्वयंसेवी संगठन तथा आवश्यक सेवाओं से जुड़े अन्य विभागीय कर्मचारी सराहनीय साहसिक ढंग से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। लेकिन अचानक लाॅकडाउन से कुछ समस्याएं भी सामने आ रही हैं जिनकी ओर अभी सरकारी तंत्र अपेक्षित ध्यान नहीं दे रहा है। बड़े-बड़े दावे तो कर रही है सरकार, लेकिन नहीं है कोई इंतजाम। गोण्डा, बलरामपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बदहाली का शिकार। जिन लेखपालों के जिम्मे भोजन एवं स्वास्थ्य सामाग्रियों की जिम्मेदारी है वे नदारद मिल रहे हैं। अव्यवस्था के इस आलम में कैसे जीती जाएगी कोरोना से जंग?
वैसे भी जब से भाजपा सत्तारूढ़ हुई है तब से किसानों की आफत का दौर शुरू हुआ जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों के उत्पाद मण्डी तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। फल, सब्जी का उचित मूल्य मिले, खेतों में खड़ी फसलों के काटने की व्यवस्था हो। गन्ना किसानों का पूरा बकाया भुगतान तत्काल कराया जाये। किसान सम्मान राशि बंद है। उसे तत्काल शुरू किया जाये।
श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बिना कार्ड धारक गरीबों को भी राशन के साथ हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जाए, छात्र-छात्राओं की फीसमाफी की जाए तथा गरीब महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन का तुरन्त भुगतान किया जाए।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

समाजवादियों ने आज छोटे लोहिया को याद किया! — January 22, 2020

समाजवादियों ने आज छोटे लोहिया को याद किया!

समाजवादी आंदोलन के प्रखर नेता छोटे लोहिया श्री जनेश्वर मिश्र की 10वीं पुण्यतिथि पर आज राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों में समाजवादी पार्टी द्वारा श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन कर उनके व्यक्तित्व एवं समाजवादी आंदोलन में उनकी भूमिका पर चर्चा की गई। लखनऊ में पार्टी मुख्यालय, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के अलावा गोमती नगर स्थित जनेश्वर मिश्र जी की प्रतिमाओं पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी स्मृति को नमन किया।

श्री अखिलेश यादव ने श्री मिश्र को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री जनेश्वर मिश्र ने समाज में विषमता, अन्याय और बुराइयों के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। वे लोहिया जी के नजदीकी थे। गरीब, किसान को आगे बढ़ाने, असमानता को मिटाने के उनके बताए रास्ते पर ही हम चलेंगे।
श्री अखिलेश यादव ने इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में कहा कि बड़े पदों पर बैठे लोगों की भाषा भी उसी स्तर की होनी चाहिए। भाजपा नेता ठोक देंगे, जबान खींच लेंगे, बदला लेंगे डंके की चोट पर जैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह धरती मर्यादा पुरूषोत्तम राम और भगवान श्रीकृष्ण की है। मर्यादा का उल्लंघन करने वाली भाषा राजनीति की भाषा नहीं हो सकती है।
श्री यादव ने तल्ख लहजे में कहा कि बहुमत से जनता की आवाज नहीं दबाई जा सकती है। डंके की चोट पर बहस की चुनौती देने वाले को जवाब है कि वह बहस के लिए तैयार हैं। जगह और मंच का चुनाव उनकी पसंद का हो। बहस विकास पर होगी, जब और जहां चाहें बहस कर लें। भाजपा विकास पर बहस से भागती है। वह नोटबंदी, मंदी, अर्थव्यवस्था पर बहस नहीं करती है।
श्री यादव ने कहा सीएए का विरोध केवल समाजवादी पार्टी नहीं कर रही है। भारत की आम जनता विरोध में है। इसमें नौजवान, महिलाएं सभी बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। ये स्वयं बैठे है। भाजपाई तो पैसे से रैली में भीड़ लाते हैं। जिन्होंने हमें आजादी दिलाई, सुन्दर संविधान दिया उन्होंने कभी भाषा, धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया। यह भेदभाव भाजपा करती है। वे बताएं क्या वोट के लिए वे समाज में खाई पैदा करेंगे?
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा मुख्यमंत्री ने तीन साल में कोई काम नहीं किया है। वे न तो गाय की सेवा कर पा रहे है और नहीं किसानों की फसल को आवारा पशुओं से बचा पा रहे हैं। अब तो किसान ही नहीं नौजवान भी आत्महत्या कर रहे हैं। फर्जी एनकाउण्टर हो रहे हैं। मानवाधिकार आयोग से सबसे ज्यादा नोटिसें उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है।
श्री यादव ने कहा कि हम समाजवादी पक्के भारतीय है। मैं तो कभी इमरान खां से मिला नहीं। इतना हमें पता है कि गुजरात से चलकर लाठी लिए एक कपड़े से शरीर ढंके व्यक्ति ने सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। भाजपा ने सत्य और अहिंसा दोनों का रास्ता छोड़ दिया है। वोट के लिए वे माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं। बेहतर होता वे गुजरात में साबरमती आश्रम में जाकर समय गुजारते और गांधी जी के पढ़ाए पाठ को सीखते।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेता देश को उलझाकर रखना चाहते हैं। किसी समस्या के समाधान की उनसे आशा नहीं है। उन्होंने भारत के सम्मान को, पहचान को ठेस पहुंचाई है। भाजपा राज में महोबा में बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्या की हैं। बेकारी बढ़ी है। नदियां साफ नहीं हैं। भाजपा सरकार अगर जाति आधारित जनगणना कराके उसके आंकड़े पेश कर दे तो हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा ही नहीं रहेगा। जातियों की समानुपातिक भागीदारी तय हो जाएंगी। उन्होंने कहा वैसे अब 600 दिन ही भाजपा के हिस्से में बचे हैं, इसके बाद तो बदलाव की रौनक आनी है।
श्री जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में नौजवान, महिलाएं पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व सांसद तथा विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी उपस्थित थे। इनमें सर्वश्री रामगोविन्द चौधरी नेता विधानसभा, अहमद हसन नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद, धर्मेन्द्र यादव पूर्व सांसद, नारद राय, के.के. गौतम पूर्व मंत्री तथा एसआरएस यादव, राकेश प्रताप सिंह, अरूण वर्मा, संग्राम सिंह, सुनील यादव साजन, डाॅ0 राजपाल कश्यप, उदयवीर सिंह, अरविन्द कुमार सिंह सभी विधायकगण एवं श्री अनुराग यादव ‘दीपू‘ जयशंकर पाण्डेय, मनीष रावत, राजीव राय, सुभाष राय, अनुग्रह नारायण सिंह (खोखा सिंह), सी.एल. वर्मा तथा युवा नेता गौरव दुबे, विकास यादव, प्रदीप तिवारी, राम करन निर्मल, अरविन्द गिरि, मो0 एबाद, दिग्विजय सिंह देव, बृजेश यादव, अनीस राजा उपस्थित रहे।
आज के कार्यक्रम में सर्वश्री सुशील दीक्षित, जयसिंह जयंत, फाकिर सिद्दीकी, अशोक यादव, मीरा वर्धन, विजय सिंह यादव, रामसागर यादव, डाॅ0 के.सी. पाण्डेय, आर.के. मिश्र, मनीष सिंह, विजय सिंह टिन्नू, अशोक देव, एस.के. राय, एस.पी. यादव, गेंदा लाल यादव, प्रदीप शर्मा, सुभाष यादव, रणविजय संिह, डाॅ0 मगरूब कुरैशी, डाॅ0 आशुतोष वर्मा, आलोक त्रिपाठी, संजय सविता विद्यार्थी, मो0 रबीउद्दीन, अनूप सिंह, अवधेश वर्मा, सिद्धार्थ मिश्रा, शाश्वत जोशी, जयसिंह प्रताप यादव, दानिश सिद्दीकी, दिलीप सिंह कृष्णा, मीना यादव, वंदना चतुर्वेदी, प्रियंका पाल, पूनम यादव, गीता पाण्डेय, रूबी खान, कमला यादव, विशाल यादव, व्यास यादव, कुलवंत कौर, साधना वर्मा, सुनीता यादव, डाॅ0 किरन यादव, मनभावती, अजीत पाल, डाॅ0 अरविन्द सहाय कुशवाहा, अनिल यादव, हर्ष वशिष्ट, अंकित सिंह बाबू, महेन्द्र कुमार, मान सिंह सेंगर, सतीश शर्मा समर, हरीश रावत, अश्वनी वर्मा, इं0 अभिषेक यादव, प्रशांत मिश्रा, आशू शुक्ला, मनोज वर्मा, परवीन जैदी, फरहाना आदि की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
(राजेन्द्र चौधरी)
मुख्य प्रवक्ता

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